रेगिस्तान हवाओं मे भी बहार मिल जाती है कड़ी धूप म | हिंदी कविता

"रेगिस्तान हवाओं मे भी बहार मिल जाती है कड़ी धूप में भी बरसाती फुहार मिल जाती है तीर्थों के भ्रमण से लक्ष्यों को नई रफ्तार मिल जाती है संकल्प को द्वंद से निकलने की राह मिल जाती है बबली भाटी बैसा ©Babli BhatiBaisla"

 रेगिस्तान हवाओं मे भी बहार मिल जाती है 
कड़ी धूप में भी बरसाती फुहार मिल जाती है 
तीर्थों के भ्रमण से लक्ष्यों को नई रफ्तार मिल जाती है
संकल्प  को द्वंद से निकलने की राह मिल जाती है 
बबली भाटी बैसा

©Babli BhatiBaisla

रेगिस्तान हवाओं मे भी बहार मिल जाती है कड़ी धूप में भी बरसाती फुहार मिल जाती है तीर्थों के भ्रमण से लक्ष्यों को नई रफ्तार मिल जाती है संकल्प को द्वंद से निकलने की राह मिल जाती है बबली भाटी बैसा ©Babli BhatiBaisla

भ्रमण @R... Ojha @MohiTRocK F44 @Ashutosh Mishra @Neel @Sethi Ji @Mili Saha

People who shared love close

More like this

Trending Topic