Person's Hands Sun Love एक ख़त इश्क़ के नाम लिखा,
दिल से दिल को पयाम लिखा,
रह-ए-उल्फ़त में चाराग़र ढूँढा,
हाल-ए-दिल यूँ सरेआम लिखा,
तेरी दहलीज पे दिल को रक्खा,
मेरी मंज़िल मेरा क़याम लिखा,
प्यार की ज़ुस्तज़ू से बाबस्ता,
हरेक धड़कन पे मक़ाम लिखा,
बड़ा ही दिलफरेब था मंज़र,
फक़त रस्ते को आयाम लिखा,
बा-ख़बर लोग-बाग कर देते,
तेरी चाहत मेरा इनाम लिखा,
बयाँ शब्दों से क्या करे 'गुंजन',
आखिर में दुआ-सलाम लिखा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
प्रयागराज उ•प्र•
©Shashi Bhushan Mishra
#एक ख़त इश्क़ के नाम लिखा#