कोई कहत हई मांस ना खाईए कोई कहत हई मछी। ढेर लोगन हाऊए इलाज बताउत अब केकर बात हैई सच्ची। केयू कहत हई अवला खाईओ केयू कहत हई नींबू रस
अब केकर मनी केकर सुनी , सबके बतवा लागत हई अच्छी । अब केयू कहत हई ना जाऊ इधर उधर घरवा में ही रहऊ बस, अब वैध कह हई की बिन सैनेटिजरवा के हाथ धुई ,छुआै ना किसी को अब । हम कालियई ओहें कर्बई जाईसन् कहत है सब। बाकी ई बात है कि कोरोनावा के भौकाल है गजब