शहरों की चका -चौध मैं सितारे खोते देखे हैं
उनके भी क्या, इंसानों में लेखें हैं
खो गई संवेदनाएं जिनकी
हो गई अतिलकाए जिनकी
मारने मैं न सकुचाते है पशुता जो दिखाते हैं
उनमें भी कभी सितारे देखे हैं
शहरों की चका चौध में...
आखिर परिभाषा सितारों की कहूं तो,
वह सच्ची होगी मुच्ची होगी
दिल की बातों से निकली होगी
वे प्रकृति का करते सम्मान सदा, पशुता नहीं दिखाते हैं
मैंने उन्ही में सितारे देखे हैं
शहरों की चका चौध में...❣️
👆यह मेरा नजरिया हैं अन्यथा मैं न ले
but that's true
Ⓜ️e nature प्रेमी 😇
©वीrendra yadav
nature saved #artcreation +Ⓜ️ahiya