White जो दीप खुद बुझा हुवा हो
वो दीप न दूजा जला सकता
जो निंदो में खुद सोया हुवा हो
वो औरों को न जगा सकता
'अंजान' उठो मतदान करो
क्यों झूठें वादों में खोए हुवे हो?
जो खुद न कदम बढ़ा सकता
तो कोई और भी न साथ आ सकता।
©कवि: अंजान
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