# जनता जाए भाड़ में # पिछवाड़े में फेविकोल किसने

"# जनता जाए भाड़ में # पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था। जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है, उसका कुर्सी से चिपके रहना भी जरूरी है। जनता जाए भाड़ में, दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में। हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है, कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है। घर - घर में आज उछल रहा है सवाल, केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। चलो जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ, भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं। केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है, आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है। मित्रों याद रखना कमल फूल को, सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को। मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का, मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का। कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था, 2014 में हर हिन्दू तिरंगा और भगवा लहराया था। केजरी के पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।। ########################### कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर ©pramod malakar"

 # जनता जाए भाड़ में #
पिछवाड़े  में फेविकोल किसने  लगाया  था,
उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।
जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है,
उसका कुर्सी से चिपके  रहना भी जरूरी है।
जनता जाए भाड़ में,
दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में।
हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है,
कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है।
घर - घर  में  आज  उछल   रहा  है   सवाल,
 केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। 
चलो जो  भी हुआ  बहुत  अच्छा हुआ,
भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं।
केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है,
आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है।
मित्रों याद रखना कमल फूल को,
सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को।
मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का,
मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का।
 कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था,
2014 में  हर हिन्दू  तिरंगा  और भगवा  लहराया था।
केजरी के पिछवाड़े में  फेविकोल  किसने लगाया था,
उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।।
###########################
कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर

©pramod malakar

# जनता जाए भाड़ में # पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था। जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है, उसका कुर्सी से चिपके रहना भी जरूरी है। जनता जाए भाड़ में, दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में। हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है, कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है। घर - घर में आज उछल रहा है सवाल, केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। चलो जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ, भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं। केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है, आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है। मित्रों याद रखना कमल फूल को, सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को। मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का, मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का। कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था, 2014 में हर हिन्दू तिरंगा और भगवा लहराया था। केजरी के पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।। ########################### कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर ©pramod malakar

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