pramod malakar

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मैं जो भी लिखता हूं कड़वा लिखता हूं ... मगर ... सच लिखता हूं ....। प्रमोद मालाकार एण्ड कंस्ट्रक्शन , झारखंड प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा। झारखण्ड के जमशेदपुर में मेरा आवास है ।

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#विचार #Thinking  Black *आंखे कितनी भी छोटी*
  *क्यों ना हो,ताकत तो* 
   *उसमे सारा आसमान*
     *देखने की होती है....*.
*ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है*
   *जिसमें जीने की चाहत*
       *होनी चाहिये* ❗
*ग़म खुद ही ख़ुशी में*
     *बदल जायेंगे*
   *सिर्फ मुस्कुराने की*
      *आदत होनी चाहिये*‼️‼️

*शुभ चिंतक*
        🙏 प्रमोद मालाकार 🙏

©pramod malakar

#Thinking

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#संघर्ष #विचार  *संघर्ष में आदमी अकेला* 
  *होता है*❗
   *सफलता में दुनिया उसके*
      *साथ होती है‼️*

*जब-जब ये जग किसी*
  *पर हंसा है*
    *तब-तब उसी ने इतिहास*
       *रचा है*‼️

          🙏 *प्रमोद मालाकार*🙏

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#संघर्ष में आदमी अकेला होता है

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#शायरी #अपने  White अपने सीने में आग लगने मत देना,
तुम्हें भी जला  कर राख  कर देगी।

अपने पास शराब भटकने मत देना,
तुम्हारे परिवार को बर्बाद कर देगी।

9696969696969696969696
प्रमोद मालाकार

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#अपने सीने में.....

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# जनता जाए भाड़ में # पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था। जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है, उसका कुर्सी से चिपके रहना भी जरूरी है। जनता जाए भाड़ में, दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में। हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है, कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है। घर - घर में आज उछल रहा है सवाल, केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। चलो जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ, भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं। केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है, आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है। मित्रों याद रखना कमल फूल को, सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को। मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का, मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का। कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था, 2014 में हर हिन्दू तिरंगा और भगवा लहराया था। केजरी के पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।। ########################### कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर ©pramod malakar

 # जनता जाए भाड़ में #
पिछवाड़े  में फेविकोल किसने  लगाया  था,
उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।
जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है,
उसका कुर्सी से चिपके  रहना भी जरूरी है।
जनता जाए भाड़ में,
दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में।
हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है,
कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है।
घर - घर  में  आज  उछल   रहा  है   सवाल,
 केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। 
चलो जो  भी हुआ  बहुत  अच्छा हुआ,
भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं।
केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है,
आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है।
मित्रों याद रखना कमल फूल को,
सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को।
मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का,
मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का।
 कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था,
2014 में  हर हिन्दू  तिरंगा  और भगवा  लहराया था।
केजरी के पिछवाड़े में  फेविकोल  किसने लगाया था,
उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।।
###########################
कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर

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#जनता जाए भाड़ में

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#केजरिवाल #कविता  पता करो , केजरीवाल को,
पैदा किसने किया।
पाकिस्तान, बंग्लादेश,
या अफ्गानिस्तान।
किस नक्षत्र,
किस ग्रह में जन्म लिया।
अंधेरे में हुआ था,या,
बाप ने जलाया था दिया।
चपरडण्डू केजरी,,
मुसलमानो के कट्टरपन से प्रताड़ित,
शरणार्थी हिन्दुओं को
चोर , हत्यारा , बलात्कारी कहा।
दोगला केजरीवाल के,
खानदान का पता करो,
रहता है कहां - कहां।
सबका कुंडली निकालो,
केजरीवाल तो चोर है,
खानदान में,
बलात्कारी भी जरुर होगा।
केजरी परिवार पर
शनि का ढ़ैय्या चल रहा है,
इस कुत्ते का दिन,
सुअर में बदल रहा है।
2024 में इसको सफा करो,
पता करो , केजरीवाल को,
पैदा किसने किया।
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जैसी करनी वैसी सूननी
प्रमोद मालाकार

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 अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का
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 शादी की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई है ,
अर्धांगिनी   नहीं , लक्ष्मी   घर   आई  है,
खामोशियां  नहीं  खुशियां  घर  लाई है।
मुर्झाए चेहरों पर मुस्कराहट लुटा रही है,
बिगड़ैल  पति को प्यार से संवार रही है।
अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का ,
जन्म  दाता  है  तुम्हारे  संहार  का।
आज का दिन बहुत खाश है इतिहास बना लो,
पत्नी जिंदगी कि सांस है , तन में बसा लो।
वक्त  चक्र है मिलकर संस्कृति बचालो।।
मालाकार  संस्कार  है हर  पंक्ति  का,
पति - पत्नी के सात्विक शक्ति का।
एक हाथ में गुलाब दुसरे में कमल थाम लो,
मन से प्यार , दिल से भाजपा को मान लो।
घर भी चमकाएंगे , देश भी चमकाएंगे यह ठान लो।
प्यार  दूसरों  के घर से चलकर  तुम्हारे घर आई है,
माता पिता भाई बहन को रुलाकर तुम्हें हंसाई है।
तुम्हें  भगवान  मान  कर तुम्हारा  घर  बसाई है,
शादी की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई है।।
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   कवि - प्रमोद मालाकार

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#अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का।

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