White गहराइयों में फंसी आज में कहा खड़ी हूं जो | हिंदी Life

"White गहराइयों में फंसी आज में कहा खड़ी हूं जो सोचा था उसके बिल्कुल विपरीत खड़ी दिख रही हूं ज्यादा खुश तो नहीं मैं मगर उदास भी ज्यादा नहीं हूं पर मन्न से जो चाहत के वो सारे सपने जैसे एक पानी के जहाज़ के संग से भह गए हो एक खुशनुमा ज़िंदगी जैसे मैं जीना भूल गई हूं नहीं रह पारी मैं जैसे अंदर ही अंदर कही परेशानियों को झेल रही हूं। ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma"

 White 

गहराइयों में फंसी आज में कहा खड़ी हूं 
जो सोचा था उसके बिल्कुल 
विपरीत खड़ी दिख रही हूं 
ज्यादा खुश तो नहीं मैं मगर उदास भी ज्यादा नहीं हूं 
पर मन्न से जो चाहत के वो सारे सपने
जैसे एक पानी के जहाज़ के संग से भह गए हो
एक खुशनुमा ज़िंदगी जैसे मैं जीना भूल गई हूं 
नहीं रह पारी मैं जैसे अंदर ही अंदर
 कही परेशानियों को झेल रही हूं।
 
              ✓Ishitav
      @poetrysoul_999

©Ishita Verma

White गहराइयों में फंसी आज में कहा खड़ी हूं जो सोचा था उसके बिल्कुल विपरीत खड़ी दिख रही हूं ज्यादा खुश तो नहीं मैं मगर उदास भी ज्यादा नहीं हूं पर मन्न से जो चाहत के वो सारे सपने जैसे एक पानी के जहाज़ के संग से भह गए हो एक खुशनुमा ज़िंदगी जैसे मैं जीना भूल गई हूं नहीं रह पारी मैं जैसे अंदर ही अंदर कही परेशानियों को झेल रही हूं। ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma

#emotional_sad_shayari

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