मां
मां मम्मा मम्मी अम्मी किसी नाम से भी बुला लो तुम्हे,
तुम तो साफ दिल की मूरत हो,
जिसने ना देखा हो भगवान को तुम उस कुदरत की बनाई
एक प्यारी सी सूरत हो..।
क्या कहने तुम्हारे कोई मुकाबला नहीं कर सकता
, जितना भी बोल दू में उतना भी बहुत कम पढ़ गया।
पूरे दिन लगे ही रहती हो
थकके भी ना गुस्सा करती हो..
जब भी तुम्हारी गोध में लेटती हूं
सारी तकलीफे जैसे तुम
अपने में समेट लेती हो।।
सबका इतना अच्छे से रखती हो ध्यान,
अपनी नींद गवाकर हमारी टाइमिंग्स का रखती हो खयाल..
जाने अंजाने में मेरे से कभी भूल हो गई हो तो माफ़ करदेना
बच्चा हूं तुम्हारा प्यारा सा मां ,
मुझे अपनी बाहों में समेट लेना
नही चाहता में तुझे कभी
भी निराश करना
रखूंगा खयाल पक्का अपने
से भी ज़्यादा क्योंकि
तुम ही तो हो मेरी प्यारी सी मम्मा।।
क्योंकि तुम ही तो हो मेरी प्यारी सी मम्मा...
ईशिता वर्मा
✓poetrysoul_999
©Ishita Verma
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