White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात ह | हिंदी Poetry

"White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari"

 White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं 
सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं 
जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो
ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो 
लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई 
दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई 
देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया 
देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया 
जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो 
गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो 
आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो 
जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो
नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं 
राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी 
तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा 
जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari

White क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया जफर बहादुर तात्या के जीवन से कुछ तो ग्रहण करो गर मिले नही अधिकार तुम्हे तो तिलक सा तुम अधिग्रहण करो आज़ाद भगत और राजगुरु के गुण हैं तुममें भी ये याद रखो जब देश धर्म की बात हो तो हम भारतीय हैं यह याद रखो नेता सुभाष से हो सकते हो हो सकते हमीद से तोप तुम्हीं राणा प्रताप सा जी लेना न जीना बनकर गुलाम कभी तब जाके विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का सपना साकार हो पायेगा जब तक धरती और चांद रहेगा तिरंगा अपना आसमान में लहराएगा अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari

#Indian_flag क्या मजहब क्या जाति धर्म क्या दंगो की औकात हैं
सबसे ऊपर है देश धर्म वेदों में लिखी यह बात हैं
जन गण मन का ध्यान करों छल दंभ द्वेष से दूर रहो
ना भटको अपने लक्ष्यों से खुद से इतना तो धीर धरो
लक्ष्मी बाई का देश है यह जो अंग्रेजो से बाज गई
दे दी आहुति खुद की और ले वीरगति का ताज गई
देखो मंगल को जिसने सत्तावन में मंगल गान किया
देश की खातिर बिस्मिल ने न्योछावर अपनी जान किया

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