यह वह भारत देश है जहां,
हिंदी के विद्वान और कवि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिला सके।
देश के सर्वोच्च पदाधिकारी राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद
अछूत जाति के होने के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर
सके।
अब क्या द्रोपति मुर्मू जी से यह उम्मीद की जा सकती
है कि सबरीमाला मंदिर के प्रवेशद्वारा महिलाओं
के लिए खोल दिए जाएंगे।
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©Satyanarayan "Swadeshi"
#drowning