Satyanarayan

Satyanarayan "Swadeshi"

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बहाना आज के जैसा नहीं ये रोज़ करती हैं, उगेगा चांद जब छत पे ये फोटो ख़ोज करती हैं। बहाना पेट का करके बिना खाए सोती रहती हैं, कुंवारी लड़कियां ऐसे करवा चौथ रहती हैं।। #कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी चित्तौड़गढ़ 7597976263 ©Satyanarayan "Swadeshi"

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उगेगा चांद जब छत पे ये फोटो ख़ोज करती हैं।
बहाना पेट का करके बिना खाए सोती रहती हैं,
कुंवारी  लड़कियां  ऐसे  करवा  चौथ  रहती  हैं।।
#कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी
चित्तौड़गढ़ 7597976263

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बहाना आज के जैसा नहीं ये रोज़ करती हैं, उगेगा चांद जब छत पे ये फोटो ख़ोज करती हैं। बहाना पेट का करके बिना खाए सोती रहती हैं, कुंवारी लड़कियां ऐसे करवा चौथ रहती हैं।। #कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी चित्तौड़गढ़ 75979 76263 #करवाचौथ #Karwachauth #Kavi_Satyanarayan_Swadeshi #ViralPoetry #hindipoetry #sadShayari #lovestatus #instaviral #poetry2022

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#समाज

कन्या भ्रूणहत्या जैसी कुकरनी पर जागरूकता भरा यह गीत जल्द ही SLR World Of Imagination यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर प्रकाशित होगा। कृपया जल्दी से यूट्यूब चैनल https://youtube.com/channel/UC5cGPaouQy76jf4MtLQqrgA को सब्सक्राइब और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/SLR-World-of-Imagination-107427768150418/ को लाइक एवं फोलो करें

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#शायरी  खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को,
क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं,
इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई हैं,
बल्कि इस लिए कि ये ज़ख्म देने वाले मेरे अपने हैं।।

कवि सत्यनारायण स्वदेशी
चित्तौड़गढ़

©Satyanarayan "Swadeshi"

खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई हैं, बल्कि इस लिए कि ये ज़ख्म देने वाले मेरे अपने हैं।। कवि सत्यनारायण स्वदेशी चित्तौड़गढ़

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खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई हैं, बल्कि इस लिए कि ये ज़ख्म देने वाले मेरे अपने हैं।। कवि सत्यनारायण स्वदेशी चित्तौड़गढ़ ©Satyanarayan "Swadeshi"

#कवि_सत्यनारायण #चित्तौड़गढ़ #स्वदेशी #मोहब्बत #शायरी #जिस्म  खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को,
क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं,
इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई हैं,
बल्कि इस लिए कि ये ज़ख्म देने वाले मेरे अपने हैं।।

कवि सत्यनारायण स्वदेशी
चित्तौड़गढ़

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खरोंच लेता हूं अक्सर #जिस्म पर लगे इन #घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से #मोहब्बत हो गई हैं, बल्कि इस लिए कि ये #ज़ख्म देने वाले मेरे #अपने हैं।। #कवि_सत्यनारायण #स्वदेशी #चित्तौड़गढ़

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कौन कहता हैं छलनी में पानी आ नहीं सकता, तूं उसे जीरो डिग्री ठंडा करके तो देख। कहते हैं पाषाण ईश्वर बन नहीं सकता, कभी छीनीं हथौड़े की चोटें देकर तो देख।। #कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी चित्तौड़गढ़ 75979 76263 ©Satyanarayan "Swadeshi"

#कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी #जानकारी  कौन कहता हैं छलनी में पानी आ नहीं सकता,
तूं   उसे  जीरो   डिग्री   ठंडा  करके   तो  देख।
कहते   हैं   पाषाण   ईश्वर  बन   नहीं   सकता,
कभी  छीनीं  हथौड़े  की  चोटें  देकर  तो  देख।।

#कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी
चित्तौड़गढ़ 75979 76263

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कौन कहता हैं छलनी में पानी आ नहीं सकता, तूं उसे जीरो डिग्री ठंडा करके तो देख। कहते हैं पाषाण ईश्वर बन नहीं सकता, कभी छीनीं हथौड़े की चोटें देकर तो देख।। #कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी चित्तौड़गढ़ 75979 76263

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यह वह भारत देश है जहां, हिंदी के विद्वान और कवि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिला सके। देश के सर्वोच्च पदाधिकारी राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद अछूत जाति के होने के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर सके। अब क्या द्रोपति मुर्मू जी से यह उम्मीद की जा सकती है कि सबरीमाला मंदिर के प्रवेशद्वारा महिलाओं के लिए खोल दिए जाएंगे। 🤔🤔🤔🤔 ©Satyanarayan "Swadeshi"

#विचार #drowning  यह वह भारत देश है जहां,
हिंदी के विद्वान और कवि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिला सके।

देश के सर्वोच्च पदाधिकारी राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद
 अछूत जाति के होने के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर
सके।

अब क्या द्रोपति मुर्मू जी से  यह उम्मीद की जा सकती
है कि सबरीमाला मंदिर के प्रवेशद्वारा  महिलाओं
के लिए खोल दिए जाएंगे।
🤔🤔🤔🤔

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#drowning

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