White अगर सच मे समझते हो तो ,
आज से मेरी ख़ामोशी समझना ।
आज से हम कुछ नहीं कहेंगे,
हो सके तो बिन कहे अल्फ़ाजो को सुनना ।
हाथ थक चुके है अब एहसास लिख लिख के,
पढ़ सको तो तुम अब इन कोरे काग़ज़ों को पढ़ना ।
धुँधली सी होने लगी है अब चेहरे की आभा,
हो सके तो महसूस करना इन अश्को का छलकना ।
यूँ तो ये सब कुछ भी समझना जरूरी नही,
पर समझ जाओ तो कम होगा इस दिल का तड़पना ।
दिल की ख्वाइशों का यूँ तो कोई अन्त नही,
पर अब औऱ नही चाहती ये रूह भी भटकना ।
©Shivkumar
#sad_shayari #SAD
अगर सच मे समझते हो तो ,
आज से मेरी #ख़ामोशी समझना ।
आज से हम कुछ नहीं कहेंगे,