इन खरोखों में छांव तुम्हारी रहने दो कान्हा
जीने मारने में तो जमाना दुहाई देने आएगा
इन पलों में तेरा साथ ही काम आएगा
सांसों में सिर्फ नाम नहीं...सांसों का हकदार बनाया जाए तो ये दिल सम्भल जाएगा...
कुछ यादें हमारे नाम करके ही अपराध तुम्हारा भूलाया जाएगा...
अगर राधा नाचे तो घनश्याम भला काहे शर्माएगा...!!
Ankita Meena