बेहिसाब चाहतों के दरम्यान ज़माने भर की दूरियां हैं, | हिंदी Shayari

"बेहिसाब चाहतों के दरम्यान ज़माने भर की दूरियां हैं, बेशक़ वो खुदा है मेरा, मगर खुदा की भी अपनी मजबूरियां हैं.. !!"

 बेहिसाब चाहतों के दरम्यान ज़माने भर की दूरियां हैं,
बेशक़ वो खुदा है मेरा, मगर खुदा की भी अपनी मजबूरियां हैं.. !!

बेहिसाब चाहतों के दरम्यान ज़माने भर की दूरियां हैं, बेशक़ वो खुदा है मेरा, मगर खुदा की भी अपनी मजबूरियां हैं.. !!

मजबूरियां... !!

#CalmingNature

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