Mohit Chopra

Mohit Chopra Lives in Hisar, Haryana, India

ये जो बनाना मुझे बेज़ुबाँ ढूंढ़ते हैं, वही हैं जो पत्थर में खुदा ढूंढ़ते हैं.. !!

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बेहिसाब चाहतों के दरम्यान ज़माने भर की दूरियां हैं, बेशक़ वो खुदा है मेरा, मगर खुदा की भी अपनी मजबूरियां हैं.. !!

#CalmingNature  बेहिसाब चाहतों के दरम्यान ज़माने भर की दूरियां हैं,
बेशक़ वो खुदा है मेरा, मगर खुदा की भी अपनी मजबूरियां हैं.. !!

मजबूरियां... !! #CalmingNature

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कल दिन भर जो बांहों में थे कमाल है कि ख्वाब हो गए, इश्क़ के सवालों में फासले जवाब हो गए, उसके सजदे में झुकी नज़रों के अश्रु ख़िताब हो गए, उस पार कोई दर्द नहीं सुन हम मौत को बेताब हो गए, सहर की औस थे मेरे दिल पर ये तेज़ाब हो गए, हम भी छोड़ बचपन पत्थर दिल रख जनाब हो गए, मेरी रहने का वादा कर अनजान का रुआब हो गए, इश्क़ के सवालों में फासले जवाब हो गए..! ✍️ Crowny Mj

#बचपन #Khitab #Heart #Aansu  कल दिन भर जो बांहों में थे कमाल है कि ख्वाब हो गए,
इश्क़ के सवालों में फासले जवाब हो गए,

उसके सजदे में झुकी नज़रों के अश्रु ख़िताब हो गए,
उस पार कोई दर्द नहीं सुन हम मौत को बेताब हो गए,

सहर की औस थे मेरे दिल पर ये तेज़ाब हो गए, 
हम भी छोड़ बचपन पत्थर दिल रख जनाब हो गए, 

मेरी रहने का वादा कर अनजान का रुआब हो गए,
इश्क़ के सवालों में फासले जवाब हो गए..!
                  ✍️ Crowny Mj

मैं इश्क़ कहता हूं तुम बगावत लिखते हो, मैं वफ़ा कहता हूं तुम इबादत लिखते हो, मैं दर्द कहता हूं तुम रवायत लिखते हो, मैं सच कहता हूं तुम क़यामत लिखते हो

#InspireThroughWriting #kayamat #Bagawat #Ibaadat  मैं इश्क़ कहता हूं तुम बगावत लिखते हो,
मैं वफ़ा कहता हूं तुम इबादत लिखते हो,
मैं दर्द कहता हूं तुम रवायत लिखते हो, 
मैं सच कहता हूं तुम क़यामत लिखते हो

लिखते हो...! 😇 #kayamat #Bagawat #Ibaadat #InspireThroughWriting

14 Love

एक रौशनी का ज़रिया दिल के आसमान पर छा गया, बेहद करीब था वो चाँद के, माँ ने आवाज़ दी तो वापस आ गया.. !

 एक रौशनी का ज़रिया दिल के आसमान पर छा गया,  
बेहद करीब था वो चाँद के, माँ ने आवाज़ दी तो वापस आ गया.. !

एक रौशनी का ज़रिया दिल के आसमान पर छा गया, बेहद करीब था वो चाँद के, माँ ने आवाज़ दी तो वापस आ गया.. !

12 Love

जिस डगर ना दिखे तू मंजिल पे फ़कर कहां होगा , बना तो दूँ तेरे बिना मकान मगर घर कहाँ होगा, तिल तिल कर निकलती जान पल पल की दूरी मे, अगले इतवार तक सुनते जाओ इस से सबर कहाँ होगा, दिल दिया हैं जिसको खुदा उसी को मान बैठे हैं, इस पत्थर की मूरत से हमारा अब बसर कहाँ होगा.??

 जिस डगर ना दिखे तू मंजिल पे फ़कर कहां होगा , 
बना तो दूँ तेरे बिना मकान मगर घर कहाँ होगा,  
तिल तिल कर निकलती जान पल पल की दूरी मे,
अगले इतवार तक सुनते जाओ इस से सबर कहाँ होगा, 
दिल दिया हैं जिसको खुदा उसी को मान बैठे हैं,
इस पत्थर की मूरत से हमारा अब बसर कहाँ होगा.??

जिस डगर ना दिखे तू मंजिल पे फ़कर कहां होगा , बना तो दूँ तेरे बिना मकान मगर घर कहाँ होगा, तिल तिल कर निकलती जान पल पल की दूरी मे, अगले इतवार तक सुनते जाओ इस से सबर कहाँ होगा, दिल दिया हैं जिसको खुदा उसी को मान बैठे हैं, इस पत्थर की मूरत से हमारा अब बसर कहाँ होगा.??

12 Love

लफ़्ज़ात आज कल जज़्बातों को मेरे अब साथ नहीं रखते , वो जिम्मेदारी तो बहुत रख देते हैं कंधों पे मगर हाथ नहीं रखते... ! हाथों की तासीर ना जाने क्यूँ अब खफा सी है लिखते हैं मंज़िल बस इन थर्राते हाथों से अब कायनात नहीं लिखते.. !!

#poetcommunity #poetsofindia #mentalHealth #Destroyed #Inlove  लफ़्ज़ात आज कल जज़्बातों को मेरे अब साथ नहीं रखते , 
वो जिम्मेदारी तो बहुत रख देते हैं कंधों पे मगर हाथ नहीं रखते... !
हाथों की तासीर ना जाने क्यूँ अब खफा सी है 
लिखते हैं मंज़िल बस इन थर्राते हाथों से अब कायनात नहीं लिखते.. !!
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