Men walking on dark street सुनते आए सबकी ज़ुबानी,च | हिंदी कविता

"Men walking on dark street सुनते आए सबकी ज़ुबानी,चली आई यही रवानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है लड़की हो तुम दबी रहो बस पराए घर में जानी है वहां जाकर जो चाहे करना संस्कार यहां अपनानी है अपनी इच्छा मार कर जीती ,बोलती नहीं जुबानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है शादी कर ससुराल में आई सबके लिए नौकरानी है अपनी फरमाइश सभी मनवाते कहने को बहुरानी है जी हज़ूरी करती जाती ,ना करती वह मनमानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है टेढ़ी खीर पति हो चाहे बर्दाश्त सभी कर जानी है सुधारने का फर्ज पत्नी का होता, आस उसी से लगानी है जादू की छड़ी जैसे लेकर आई ,मन में सभी ने ठानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगो हर औरत की यही कहानी है मान सम्मान ना उसको मिलता गलती उसी की आनी है अपना बेटा गलत हो चाहे गलती नजर नहीं आनी है यूं ही जिंदगी चलती जानी है,जब तक मौत ना आनी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है ©Anita Mishra"

 Men walking on dark street सुनते आए सबकी ज़ुबानी,चली आई यही रवानी है
 सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी  है
लड़की हो तुम दबी रहो बस 
पराए घर में जानी है 
वहां जाकर जो चाहे करना
 संस्कार यहां अपनानी है 
अपनी इच्छा मार कर जीती ,बोलती नहीं जुबानी है 
सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है
शादी कर ससुराल में आई 
सबके लिए नौकरानी है 
अपनी फरमाइश सभी मनवाते
 कहने को बहुरानी है 
जी हज़ूरी करती जाती ,ना करती वह मनमानी है 
सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है
 टेढ़ी खीर पति हो चाहे 
 बर्दाश्त सभी कर जानी है 
सुधारने का फर्ज पत्नी का होता, 
आस उसी से लगानी है 
जादू की छड़ी जैसे लेकर आई ,मन में सभी ने ठानी है 
सच कहती हूं दुनिया के लोगो हर औरत की यही कहानी है
मान सम्मान ना उसको मिलता
 गलती उसी की आनी है 
अपना बेटा गलत हो चाहे 
गलती नजर नहीं आनी है 
यूं ही जिंदगी चलती जानी है,जब तक मौत ना आनी है 
सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है

©Anita Mishra

Men walking on dark street सुनते आए सबकी ज़ुबानी,चली आई यही रवानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है लड़की हो तुम दबी रहो बस पराए घर में जानी है वहां जाकर जो चाहे करना संस्कार यहां अपनानी है अपनी इच्छा मार कर जीती ,बोलती नहीं जुबानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है शादी कर ससुराल में आई सबके लिए नौकरानी है अपनी फरमाइश सभी मनवाते कहने को बहुरानी है जी हज़ूरी करती जाती ,ना करती वह मनमानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है टेढ़ी खीर पति हो चाहे बर्दाश्त सभी कर जानी है सुधारने का फर्ज पत्नी का होता, आस उसी से लगानी है जादू की छड़ी जैसे लेकर आई ,मन में सभी ने ठानी है सच कहती हूं दुनिया के लोगो हर औरत की यही कहानी है मान सम्मान ना उसको मिलता गलती उसी की आनी है अपना बेटा गलत हो चाहे गलती नजर नहीं आनी है यूं ही जिंदगी चलती जानी है,जब तक मौत ना आनी है सच कहती हूं दुनिया के लोगों हर औरत की यही कहानी है ©Anita Mishra

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