"White एक बाजी के सिवा क्या निकली,
ज़िंदगी भी तो इक जुआ निकली!
: जिंदगी की ज़िद लिए बैठे हैं
अब रहे न रहे ये मुकद्दर की बात है!
शुक्र है जिंदगी,
ना मिलेगी दोबारा..!!
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
©मेरेख्यालमेरेजज्बात
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