मेरे गीतों को पढ़ती है तड़पता मन नहीं पढ़ती। मेरी आ | हिंदी शायरी

"मेरे गीतों को पढ़ती है तड़पता मन नहीं पढ़ती। मेरी आँखों में बसती है मेरे आंसू नहीं पढ़ती। ख़फ़ा तुमसे नहीं लेकिन हमें इतनी शिकायत है। मेरे लफ्ज़ो पे मरती है मोहब्बत क्यों नहीं करती।। ©Narendra Kumar"

 मेरे गीतों को पढ़ती है तड़पता मन नहीं पढ़ती। 
मेरी आँखों में बसती है मेरे आंसू नहीं पढ़ती।
ख़फ़ा तुमसे नहीं लेकिन हमें इतनी शिकायत है।
 मेरे लफ्ज़ो पे मरती है मोहब्बत क्यों नहीं करती।।

©Narendra Kumar

मेरे गीतों को पढ़ती है तड़पता मन नहीं पढ़ती। मेरी आँखों में बसती है मेरे आंसू नहीं पढ़ती। ख़फ़ा तुमसे नहीं लेकिन हमें इतनी शिकायत है। मेरे लफ्ज़ो पे मरती है मोहब्बत क्यों नहीं करती।। ©Narendra Kumar

#WorldPoetryDay @MM Mumtaz @USTAD ISMAIL WASIF @Himanshu Mishra (Parth) अमरेन्द्र मिश्रा Amayra Secret Diaries

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