Narendra Kumar

Narendra Kumar Lives in Shahjahanpur, Uttar Pradesh, India

Information Technology Engineer श्रृंगार रस, वीर रस स्रोता और कवि

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#गीत #लव #Love #lover #lobeyouforever #lovepoem #प्रेम #Prem #Love #lonely

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राम

राम

Monday, 22 January | 09:00 pm

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#ज़िन्दगी #bajiraomastani  मैं तुम्हें जी भर के देखना चाहता हूं लेकिन क्या करे, तुम्हें कितना भी देखें जी नहीं भरता।
तुम्हें याद है जब मैं शाम को तुम्हारे घर आया था और पिता जी ने पूछा था अब क्या कर रहे हो, दिल तो किया था कह दूं कि तुम्हें याद करता हूं, लेकिन डर ये भी था पिताजी कुछ गलत न समझने लगे इसलिए सच को अर्ध सत्य में बदला और कहा कि अब मैं नौकरी करता हूं किंतु उन्हें क्या पता था कि यह सम्पूर्ण सत्य नहीं है मैं दिन भर नौकरी करता हूं और रात में तुम्हें याद करता हूं, यदि मैं और तुम मिलकर हम न हो पाएं तो परेशान मत होना बस मुझे याद कर लेना और खुश हो जाना।

©Narendra Kumar

#bajiraomastani

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मेरे गीतों को पढ़ती है तड़पता मन नहीं पढ़ती। मेरी आँखों में बसती है मेरे आंसू नहीं पढ़ती। ख़फ़ा तुमसे नहीं लेकिन हमें इतनी शिकायत है। मेरे लफ्ज़ो पे मरती है मोहब्बत क्यों नहीं करती।। ©Narendra Kumar

#शायरी #WorldPoetryDay  मेरे गीतों को पढ़ती है तड़पता मन नहीं पढ़ती। 
मेरी आँखों में बसती है मेरे आंसू नहीं पढ़ती।
ख़फ़ा तुमसे नहीं लेकिन हमें इतनी शिकायत है।
 मेरे लफ्ज़ो पे मरती है मोहब्बत क्यों नहीं करती।।

©Narendra Kumar

#WorldPoetryDay @MM Mumtaz @USTAD ISMAIL WASIF @Himanshu Mishra (Parth) अमरेन्द्र मिश्रा Amayra Secret Diaries

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#शायरी

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यूँ ही दौड़ते रहोगे दिशाहीन जीवन भर, जीवन में कोई दिग दिगंत नहीं आएगा। प्रेम में जिओगे नहीं, प्रेम को सुनोगे नहीं, जीवन का मनभावन अंत नहीं आएगा।। गीतों को मेरे यदि मौन होके न सुनोगे, हृदय में शीतल हेमन्त नहीं आएगा। नयनों से झर झर फुहार झरती रहेगी, शरद ऋतु के बाद फिर बसंत नहीं आएगा।। ©Narendra Kumar

#कविता #Basant_Panchmi  यूँ ही दौड़ते रहोगे दिशाहीन जीवन भर,
जीवन में कोई दिग दिगंत नहीं आएगा।
प्रेम में जिओगे नहीं, प्रेम को सुनोगे नहीं,
जीवन का मनभावन अंत नहीं आएगा।।
गीतों को मेरे यदि मौन होके न सुनोगे,
हृदय में शीतल हेमन्त नहीं आएगा।
नयनों से झर झर फुहार झरती रहेगी,
शरद ऋतु के बाद फिर बसंत नहीं आएगा।।

©Narendra Kumar
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