अकेला पढ़ा हूँ ढेर! फ़र्श पर कपड़े की गठरी सा न मान, न सम्मान निर्जीव, निष्प्राण बेडौल निराकार शो खत्म होने के बाद क्यों ऐसा तिरस्कार? Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto