Chandra Pokhriyal

Chandra Pokhriyal Lives in Northampton, England, United Kingdom

  • Latest
  • Popular
  • Video

अकेला पढ़ा हूँ ढेर! फ़र्श पर कपड़े की गठरी सा न मान, न सम्मान निर्जीव, निष्प्राण बेडौल निराकार शो खत्म होने के बाद क्यों ऐसा तिरस्कार?

2 Love

स्पंदन... चाहे राजशी आन बान हो या फिर अरण्य बियाबान हो महल विशाल आलीशान हो। या सादा घास-फूस का मकान हो। वन उपवन में परिणित हो जाता है जब अधरों पे मीठी मुस्कान हो। क्योंकि मुस्कान तब ही जागृत होती है जब अन्तरहृदय में प्रेम स्पंदन होता है। नहीं तो हर उन्मुक्त अट्टाहास के पीछे सदैव एक करुण क्रंदन होता है। -चंद्रमोहन, 09/12/2017, 15:32 ©chandra_mohan_pokhriyal

 स्पंदन...

चाहे राजशी आन बान हो
या फिर अरण्य बियाबान हो

महल विशाल आलीशान हो।
या सादा घास-फूस का मकान हो।

वन उपवन में परिणित हो जाता है
जब अधरों पे मीठी मुस्कान हो।

क्योंकि मुस्कान तब ही जागृत होती है
जब अन्तरहृदय में प्रेम स्पंदन होता है।

नहीं तो हर उन्मुक्त अट्टाहास के पीछे
सदैव एक करुण क्रंदन होता है।

-चंद्रमोहन, 09/12/2017, 15:32

©chandra_mohan_pokhriyal

स्पंदन... चाहे राजशी आन बान हो या फिर अरण्य बियाबान हो महल विशाल आलीशान हो। या सादा घास-फूस का मकान हो। वन उपवन में परिणित हो जाता है जब अधरों पे मीठी मुस्कान हो। क्योंकि मुस्कान तब ही जागृत होती है जब अन्तरहृदय में प्रेम स्पंदन होता है। नहीं तो हर उन्मुक्त अट्टाहास के पीछे सदैव एक करुण क्रंदन होता है। -चंद्रमोहन, 09/12/2017, 15:32 ©chandra_mohan_pokhriyal

3 Love

अकेला पढ़ा हूँ ढेर! फ़र्श पर कपड़े की गठरी सा न मान, न सम्मान निर्जीव, निष्प्राण बेडौल निराकार शो खत्म होने के बाद क्यों ऐसा तिरस्कार?

अकेला पढ़ा हूँ ढेर! फ़र्श पर कपड़े की गठरी सा न मान, न सम्मान निर्जीव, निष्प्राण बेडौल निराकार शो खत्म होने के बाद क्यों ऐसा तिरस्कार?

4 Love

गरीब की मुहोब्बत! जब भी पहुंचे तेरे कूचे में, दौड़ा दिए कुत्ते हम पर न रहा शरीफों का ज़माना, हुई इंसानियत ख़ाक तेरे बाप ने लेकर पुलिस, पैसे और कुत्तों का सहारा हम गरीबों की मुहोब्बत का उड़ाया है मज़ाक

2 Love

#चन्द्रमोहन #हिंदी #सुखन #रात

मश्के सुखन... दो बजे थे रात के, हर सम्त था गहरा सुकून, और मैं फरमा रहा था शौक से मश्के सुखन, जाग उठी बेगम अचानक,

2 Love

बेचारा रावण... एक बार अपराध किया तो, सज़ा मिले एक बार सीता हरण इक बार हुआ, क्यों जले रावण बारम्बार नैतिकता की बात रहने दो,

बेचारा रावण... एक बार अपराध किया तो, सज़ा मिले एक बार सीता हरण इक बार हुआ, क्यों जले रावण बारम्बार नैतिकता की बात रहने दो,

2 Love

Trending Topic