ग़ज़ल दुआ मेरी भी अब हो गई कुबूल है। हो गई मुझसे | हिंदी Shayari Video

"ग़ज़ल दुआ मेरी भी अब हो गई कुबूल है। हो गई मुझसे शायद कोई भूल है। जिसने बरसों से मेरा पता न लिया। आना उसका यहां अब बेफिजूल है। बज्म में बैठकर मुस्कुराता था जो। और उसी बज्म का आज मकतूल है. मैने सोचा था अब वो कभी न मिले। कामरानी बहुत और वो मशगूल है। रंज है मुझको उससे मुलाक़ात का। मैं हूं नूतन सा गुल वो इक बबूल है। मकतूल-मारा हुआ कामरानी-कामयाब मशगूल-व्यस्त रंज दुःख ©Dr Nutan Sharma Naval "

ग़ज़ल दुआ मेरी भी अब हो गई कुबूल है। हो गई मुझसे शायद कोई भूल है। जिसने बरसों से मेरा पता न लिया। आना उसका यहां अब बेफिजूल है। बज्म में बैठकर मुस्कुराता था जो। और उसी बज्म का आज मकतूल है. मैने सोचा था अब वो कभी न मिले। कामरानी बहुत और वो मशगूल है। रंज है मुझको उससे मुलाक़ात का। मैं हूं नूतन सा गुल वो इक बबूल है। मकतूल-मारा हुआ कामरानी-कामयाब मशगूल-व्यस्त रंज दुःख ©Dr Nutan Sharma Naval

#ग़ज़ल#ग़ज़ल_मन #नितन नवल

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