ये जिन्दगी इसलिए मुरझाई हुई है
तेरी जानिब घसीट कर लाई हुई है
मुमकिन है तुझे भी जगह न मिले
यादें इस कदर दिल में दफ्नाई हुई है
ऐ खुदा उसके हाथो मत तोड़ना मुझे
मैने उससे बड़ी उम्मीदें लगाई हुई है
अब तो मुझे बाहर निकलना होगा
सदा खुद की जानिब से आई हुई है
©Aawesh Khan
#mobileaddict