तुम महबूबा की सुंदर आंखें चांद से मुख मंडल लिखते हो....
जुल्फों की लट और कानों का कुंडल लिखते हो....
उसकी चाल लिखते हो... सुंदर-सुंदर गाल लिखते हो....
मैं भारत का गर्वित भाल लिख दूंगा.....
रगों में बहते इस लहू का उबाल लिख दूंगा....
तुम लिखते रहना जिस्म के किस्से,
मैं जिस्म संग पूरी जान लिख दूंगा....
मरकर ही सही मैं कफन पर हिंदुस्तान लिख दूंगा....
—शशांक पटेल
©Shashank
🙏🇮🇳
#wetogether