धरती का भार, तुम उतारते, भवसागर से तुम उबारते, तुम | हिंदी Video

"धरती का भार, तुम उतारते, भवसागर से तुम उबारते, तुमसे क्या छुपा? अन्तर्यामी, सम्पूर्ण कला के तुम स्वामी, सेवित हो दिव्य सखी से तुम, गीताज्ञानी तुम नित्य नए, कमनीय कटाक्ष चलाने में, हे दक्ष कृष्ण! शत–शत प्रणाम।। श्री..... ©Tara Chandra "

धरती का भार, तुम उतारते, भवसागर से तुम उबारते, तुमसे क्या छुपा? अन्तर्यामी, सम्पूर्ण कला के तुम स्वामी, सेवित हो दिव्य सखी से तुम, गीताज्ञानी तुम नित्य नए, कमनीय कटाक्ष चलाने में, हे दक्ष कृष्ण! शत–शत प्रणाम।। श्री..... ©Tara Chandra

श्रीकृष्ण_स्तुति 6/8

People who shared love close

More like this

Trending Topic