White जब जुल्म की इंतेहा होती है तब बगावतें जवां ह | हिंदी Shayari

"White जब जुल्म की इंतेहा होती है तब बगावतें जवां होती है। बाज आ जाओ तुम अपने जुल्मों सितम से, यह कुर्सी कब किसकी कहां होती है? ©Vijay Vidrohi"

 White जब जुल्म की इंतेहा होती है
तब बगावतें जवां होती है।
बाज आ जाओ तुम अपने जुल्मों सितम से,
यह कुर्सी कब किसकी कहां होती है?

©Vijay Vidrohi

White जब जुल्म की इंतेहा होती है तब बगावतें जवां होती है। बाज आ जाओ तुम अपने जुल्मों सितम से, यह कुर्सी कब किसकी कहां होती है? ©Vijay Vidrohi

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