"मैंने कभी कहा नहीं लेकिन
मैं भी कभी कभी आँशु बहा लेता हुँ
हँसता तो हुँ हर घड़ी लेकिन
दिल में कभी कभी दुनिया बहा लेता हुँ
बूढा तो हो गया हुँ लेकिन
निश्चय से अभी भी दृढ़ हुँ
खुद की परवाह ना करु लेकिन
परिवार पालन में आजीवन आरूढ़ हुँ
अपने भविष्य की चिंता नहीं लेकिन
संतान का भविष्य सवारना चाहता हुँ
अपने पिता जैसा शायद ना बन पाऊ लेकिन
वैसा बनने की कोशिश करना चाहता हुँ"