जुल्फ़ झटक ली मेघा ने,बूँंद गिरी बरसात हुई। बरसों | हिंदी Shayari

"जुल्फ़ झटक ली मेघा ने,बूँंद गिरी बरसात हुई। बरसों से वो रुठी थी,आज ही उससे बात हुई।। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज""

 जुल्फ़ झटक ली मेघा ने,बूँंद गिरी बरसात हुई।
बरसों से वो रुठी थी,आज ही उससे बात हुई।।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

जुल्फ़ झटक ली मेघा ने,बूँंद गिरी बरसात हुई। बरसों से वो रुठी थी,आज ही उससे बात हुई।। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#rain
#बारिश
#Summer_Rain

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