लड़की:-अगर इतना ही प्रेम है!
तो देवदास या पागल क्यूँ नहीं हुए? तुम
लड़का:-जिसके के सर पर मेरी "माँ"- सा हाथ हो!
वो पागल या देवदास नहीं हो सकता
उसे तो देवदास से भी अधिक प्रेम होगा!
वो प्रेम को भी भक्ति की भाँति निभाता है!
जेसे:- माता सीता के वियोग में , श्री राम ने अपना साहस, स्वाभिमान, आत्मसम्मान, अपनी जिम्मेदारियाँ से नहीं चुके!
और सदेव माता सीता के प्रेम में लीन रहेे।
गोकुल
©Gokul Sharma
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