Gokul Sharma

Gokul Sharma Lives in Bissau, Rajasthan, India

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#sunset_time  White यूँ तो बीत जाते है हर रोज के दो पहर, मधुकर की गुंजार सुनने में।
लेकिन आज सुनकर लगा मानों कितनी मेहनतकशी है इसकी पुकार बुनने में ....।।❤️
...

अनु चौधरी

©Gokul Sharma

#sunset_time

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#autumn  Autumn *शुरुआती दिनों में* 


तब पता नहीं 
क्या लगता था घरवालों को! 

जब बंद कमरे में अकेले बैठकर 
तुम्हारी खामोशी पढ़ते-पढ़ते 
गुनगुनाने लगता कुछ पंक्तियाँ .....

फिर इसी क्रम में रचने लगती हैं
तुम पर कविताएँ..........

(इसी क्रम को आज भी क्रमशः निभाया जा रहा है)


मगर अब सबको लगता है
पढ़ना, लिखना, कविताएँ गुनगुनाना ...
ये सब शौक हैं हमारे ।

 *गोकुल*

©Gokul Sharma

#autumn

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लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो, मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता मेरा प्रेम........ मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो ! यहीं काफ़ी है, मेरे लिए... कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा! यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️ बस उषा कि पहली किरणों में तुम्हें याद कर लूं, और संध्या काल में लिख दूँ! एक कविता... इस एकान्तिक हुनर को हमसे दूर करने कि सलाह ना दो .... इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️ लड़की:- नि:शब्द ! "गोकुल" ©Gokul Sharma

#Dark  लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो,

मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता 
मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता 
मेरा प्रेम........

मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो !
यहीं काफ़ी है, मेरे लिए...

कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा!
यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️

बस उषा कि पहली किरणों में 
तुम्हें याद कर लूं,
और संध्या काल में लिख दूँ!
एक कविता...

इस एकान्तिक हुनर को हमसे 
दूर करने कि सलाह 
ना दो .... 
इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️

लड़की:- नि:शब्द !



"गोकुल"

©Gokul Sharma

#Dark

14 Love

लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो, मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता मेरा प्रेम........ मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो ! यहीं काफ़ी है, मेरे लिए... कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा! यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️ बस उषा कि पहली किरणों में तुम्हें याद कर लूं, और संध्या काल में लिख दूँ! एक कविता... इस एकान्तिक हुनर को हमसे दूर करने कि सलाह ना दो .... इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️ लड़की:- नि:शब्द ! "गोकुल" ©Gokul Sharma

#MoonShayari  लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो,

मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता 
मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता 
मेरा प्रेम........

मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो !
यहीं काफ़ी है, मेरे लिए...

कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा!
यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️

बस उषा कि पहली किरणों में 
तुम्हें याद कर लूं,
और संध्या काल में लिख दूँ!
एक कविता...

इस एकान्तिक हुनर को हमसे 
दूर करने कि सलाह 
ना दो .... 
इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️

लड़की:- नि:शब्द !



"गोकुल"

©Gokul Sharma

#MoonShayari

16 Love

लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो, मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता मेरा प्रेम........ मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो ! यहीं काफ़ी है, मेरे लिए... कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा! यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️ बस उषा कि पहली किरणों में तुम्हें याद कर लूं, और संध्या काल में लिख दूँ! एक कविता... इस एकान्तिक हुनर को हमसे दूर करने कि सलाह ना दो .... इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️ लड़की:- नि:शब्द ! "गोकुल" ©Gokul Sharma

#wait  लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो,

मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता 
मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता 
मेरा प्रेम........

मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो !
यहीं काफ़ी है, मेरे लिए...

कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा!
यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️

बस उषा कि पहली किरणों में 
तुम्हें याद कर लूं,
और संध्या काल में लिख दूँ!
एक कविता...

इस एकान्तिक हुनर को हमसे 
दूर करने कि सलाह 
ना दो .... 
इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️

लड़की:- नि:शब्द !



"गोकुल"

©Gokul Sharma

#wait

13 Love

लड़की:-अगर इतना ही प्रेम है! तो देवदास या पागल क्यूँ नहीं हुए? तुम लड़का:-जिसके के सर पर मेरी "माँ"- सा हाथ हो! वो पागल या देवदास नहीं हो सकता उसे तो देवदास से भी अधिक प्रेम होगा! वो प्रेम को भी भक्ति की भाँति निभाता है! जेसे:- माता सीता के वियोग में , श्री राम ने अपना साहस, स्वाभिमान, आत्मसम्मान, अपनी जिम्मेदारियाँ से नहीं चुके! और सदेव माता सीता के प्रेम में लीन रहेे। गोकुल ©Gokul Sharma

#moonnight  लड़की:-अगर इतना ही प्रेम है!                               
           तो देवदास या पागल क्यूँ नहीं हुए? तुम 


लड़का:-जिसके के सर पर मेरी "माँ"- सा हाथ हो!
       वो पागल या देवदास नहीं हो सकता 

उसे तो देवदास से भी अधिक प्रेम होगा!
वो प्रेम को भी भक्ति की भाँति निभाता है!

जेसे:-  माता सीता के वियोग में , श्री राम ने अपना साहस, स्वाभिमान, आत्मसम्मान, अपनी जिम्मेदारियाँ से नहीं चुके!
और सदेव माता सीता के प्रेम में लीन रहेे।

गोकुल

©Gokul Sharma

#moonnight

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