प्रेम त्याग है, तप है और साधना है।
प्रेम निस्वार्थ भाव से की गई आराधना है।
प्रेम राग है, रंग है और रूप है।
प्रेम दो अंजाने अजनबियों का एक स्वरूप है।
प्रेम मन का मन से मिलन है।
प्रेम दो आत्माओं का संगम है।
प्रेम सुर है , ताल है और झंकार है।
यह प्रेमी और प्रेमिका के जीवन जीने का आधार है।
प्रेम व्यक्ति के मनोभाव और मनोस्थिति है।
प्रेम त्याग है, तप है और साधना है।
प्रेम निस्वार्थ भाव से की गई आराधना है।।
©Negi Girl Kammu
प्रेम त्याग है तप है।