गिड़गिड़ाता हुआ.! न जाने क्या कहने की कोशिश कर रहा थ | हिंदी Shayari

"गिड़गिड़ाता हुआ.! न जाने क्या कहने की कोशिश कर रहा था बादल। जब कोई न सुना तो बारिश बनकर बरष पड़ा। ©Luv pandey"

 गिड़गिड़ाता हुआ.!
न जाने क्या कहने की कोशिश कर रहा था बादल।

जब कोई न सुना तो बारिश बनकर बरष पड़ा।

©Luv pandey

गिड़गिड़ाता हुआ.! न जाने क्या कहने की कोशिश कर रहा था बादल। जब कोई न सुना तो बारिश बनकर बरष पड़ा। ©Luv pandey

#barish #rain #वर्षा

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