जब भी मै कहती थी सब सच सच बताओ
वो कह देता था रात बहुत हो गई सो जाओ
पूछ लू कब करना जगजाहिर ये इश्क़ अपना
कहता थोड़ा वक़्त दो, कुछ दिन और छुपाओ
जो कह दु अगर कैसे मानोगे इश्क़ है तुमसे
कहता था मेहंदी मे मेरा तुम नाम लिखाओ
बाते इश्क़ की आती ही कहा थी उसको कोई
बस कहता रहता था और बताओ और बताओ
©Er. Ajay pawar
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