मैने तुम्हारी ओर अपने बड़ते कदम रोक लिए
तुम तक पहुंचने के हर प्रयत्न छोड़ दिए
और बस दूर खड़ी होकर तुम्हे देखती रही
तुम अपनी अलग ही दुनिया में गुम थे
तुम्हारी ख्वाबों की दुनिया।
जिसमें मैं कही नहीं थी ।
तब मैंने जाना की तुम्हे अपने सपने पूरे करते देख खुश होना,
भी तो प्रेम ही है ।।
©seema patidar
अनंत प्रेम