15 अगस्त मिलने आई जब मृत्यु ,
तब कहा अटल जी ने, रुक जा एक दिन और
चलूंगा तेरे संग, पर आज नहीं कल
आज है दिन आजादी का,
आज चला गया ग़र मैं तेरे संग,
हो जाएगा मेरा देश मुझसे रंज ,
कहेगा आज चले गए देकर यह जख्म,
अब कैसे मनेगा हर साल आजादी का जश्न ,
जीता रहा मैं ,अपने देश के लिए
लहराता रहे मेरा तिरंगा, यही है मेरा स्वप्न,
इसलिए चलूंगा तेरे संग कल,
दुखाया नहीं दिल किसी का, मैंने जानबूझकर
तेरा दिल भी नहीं दुखाऊंगा, बस रुक जा आज भर
माना मृत्यु ने ,अटल जी का कहना
और कहा, मिलने आऊंगी मैं फिर कल
मैं भी बनना चाहती हूं मित्र तेरी
जानना चाहती हूं व्यक्तित्व तेरा,
इसलिए, मिलने आई जब मृत्यु 16 को,
चले गए अटल जी उसके संग।
©Priyanka Kumari
#AtalBihariVajpayee