एक चांद देखा मैने - जमीन पे
उसे देख के रोम रोम - रोमांचीत हो उठा
उसके बारे में सोचे हर पल - दिल और दिमाग
गुलाब का फूल दू उसको - मगर गुलाब भी लगे फीका
उसके आगे।
एक चांद देखा मैने - जमीन पे
उसको इजहार करना चाहूं - डर लगे मना न कर दे
एक चांद देखा मैने - जमीन पे
उसको मिल के चॉकलेट देना चाहु
मगर उसकी पसंद पता नही
आगे जारी है......
©LalitPurohit