LalitPurohit

LalitPurohit Lives in Surat, Gujarat, India

जीवन की पाठशाला में सिखाने वाला शिक्षक वक्त है उससे दोस्ती कर लेना मुसीबत नही आएगी lalitpurohit

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#शायरी  तुझसे महोब्बत है
बेहिंता बस बार बार इज़हार
नही कर सकता हु
में तुझे अपना के
अपने सफर का साथी बनाना
चाहता हूं।
तू समझ तो सही
यह तुझे ही कह रहा हु।
मेरी महोब्ब्त कबूल तो कर

©LalitPurohit

तुझसे महोब्बत है बेहिंता बस बार बार इज़हार नही कर सकता हु में तुझे अपना के अपने सफर का साथी बनाना चाहता हूं। तू समझ तो सही यह तुझे ही कह रहा हु। मेरी महोब्ब्त कबूल तो कर ©LalitPurohit

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#IBOFS2  उसके हाथ न ही मेरे हाथ पे।

अभी तक उसे जी भर के देखा तक नहीं है।

आशा है साथ मिले सही उसका
जीवन भर निभा सकू
साथ उसका।

©LalitPurohit

उसके हाथ न ही मेरे हाथ पे। अभी तक उसे जी भर के देखा तक नहीं है। आशा है साथ मिले सही उसका जीवन भर निभा सकू साथ उसका। ©LalitPurohit

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#IBOFS2  पहली झलक देखा तुझे - लगा चांद जमीन पे कैसे।
फिर हर रोज याद आने लगी
लगा ऐसे ही होगा।
जाने भी दो

फिर हर रोज याद आने लगी तुम्हारी
तब पता लगा दिल उदर ही गिर गया है।

©LalitPurohit

पहली झलक देखा तुझे - लगा चांद जमीन पे कैसे। फिर हर रोज याद आने लगी लगा ऐसे ही होगा। जाने भी दो फिर हर रोज याद आने लगी तुम्हारी तब पता लगा दिल उदर ही गिर गया है। ©LalitPurohit

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#कॉमेडी  promise day Matlab

bhulne - bhulane ka

pro idea

Pro - miss

©LalitPurohit

promise day Matlab bhulne - bhulane ka pro idea Pro - miss ©LalitPurohit

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#विचार  मंजिल साफ है ।
मंजिल कदमों में है।
मंजिल फतह करना आसान है।

उसके लिए एक ही कदम उठाना है।
बस अपनी नियत साफ हो।

©LalitPurohit

मंजिल साफ है । मंजिल कदमों में है। मंजिल फतह करना आसान है। उसके लिए एक ही कदम उठाना है। बस अपनी नियत साफ हो। ©LalitPurohit

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#कविता  एक चांद देखा मैने - जमीन पे
उसे देख के रोम रोम - रोमांचीत हो उठा
उसके बारे में सोचे हर पल - दिल और दिमाग

गुलाब का फूल दू उसको - मगर गुलाब भी लगे फीका
उसके आगे।
एक चांद देखा मैने - जमीन पे
उसको इजहार करना चाहूं - डर लगे मना न कर दे
एक चांद देखा मैने - जमीन पे
उसको मिल के चॉकलेट देना चाहु 
मगर उसकी पसंद पता नही

आगे जारी है......

©LalitPurohit

एक चांद देखा मैने - जमीन पे उसे देख के रोम रोम - रोमांचीत हो उठा उसके बारे में सोचे हर पल - दिल और दिमाग गुलाब का फूल दू उसको - मगर गुलाब भी लगे फीका उसके आगे। एक चांद देखा मैने - जमीन पे उसको इजहार करना चाहूं - डर लगे मना न कर दे एक चांद देखा मैने - जमीन पे उसको मिल के चॉकलेट देना चाहु मगर उसकी पसंद पता नही आगे जारी है...... ©LalitPurohit

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