तुम बसंत मेरे मैं हूँ ऋतु पतझड़ की मिलना बिछड़ना ते | हिंदी Love

"तुम बसंत मेरे मैं हूँ ऋतु पतझड़ की मिलना बिछड़ना तेरा आना मेरा जाना रीत हूँ सदियों की तुम पीत-पट श्याम सरीखे हो छलिया-से मीरा जिसकी दीवानी राधा जिसकी प्रीत थी रुक्मिणी थी जिसकी पटरानी ऐसे छलिया मोहन की प्रीत कभी न बन पाऊँगी तुम हो बसंत मेरे मैं हूँऋतु पतझड़ की वीरान सन्नाटों में ही सिमट जाऊँगी।।"

 तुम बसंत मेरे
मैं हूँ ऋतु पतझड़ की
मिलना बिछड़ना 
तेरा आना मेरा जाना
रीत हूँ सदियों की
तुम पीत-पट श्याम सरीखे हो
छलिया-से मीरा जिसकी दीवानी
राधा जिसकी प्रीत थी
रुक्मिणी थी जिसकी पटरानी 
ऐसे छलिया मोहन की प्रीत कभी न बन पाऊँगी
तुम हो बसंत मेरे
मैं हूँऋतु पतझड़ की 
वीरान सन्नाटों में ही सिमट जाऊँगी।।

तुम बसंत मेरे मैं हूँ ऋतु पतझड़ की मिलना बिछड़ना तेरा आना मेरा जाना रीत हूँ सदियों की तुम पीत-पट श्याम सरीखे हो छलिया-से मीरा जिसकी दीवानी राधा जिसकी प्रीत थी रुक्मिणी थी जिसकी पटरानी ऐसे छलिया मोहन की प्रीत कभी न बन पाऊँगी तुम हो बसंत मेरे मैं हूँऋतु पतझड़ की वीरान सन्नाटों में ही सिमट जाऊँगी।।

मैं हूँ ऋतु पतझड़ की
मिलना बिछड़ना
तेरा आना मेरा जाना
रीत हूँ सदियों की
तुम पीत-पट श्याम सरीखे हो
छलिया-से मीरा जिसकी दीवानी
राधा जिसकी प्रीत थी
रुक्मिणी थी जिसकी पटरानी

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