Black कुछ होता है दिल के भीतर कुछ बाहर से ही खलता है
जब नैन तेरे मुझको देखे दिल मेरा बड़ा मचलता है
कभी यादों में कभी वादों में हर बार यूं ही आ जाते हो
बस गए हो कुछ यूं रग रग में लहू सा दौड़े जाते हो
साज श्रृंगार तुम्हारा यूं तो कितना पावन लगता हैं
सजती हो तुम सादगी से रूप मनभावन सा लगता हैं
मेरे स्वप्नों में आने वाली तुम वही परी मस्तानी हो
जिससे मुझको हैं प्रेम हुआ तुम मेरी वही दीवानी हो
©Ankur tiwari
#Morning
कुछ होता है दिल के भीतर कुछ बाहर से ही खलता है
जब नैन तेरे मुझको देखे दिल मेरा बड़ा मचलता है
कभी यादों में कभी वादों में हर बार यूं ही आ जाते हो
बस गए हो कुछ यूं रग रग में लहू सा दौड़े जाते हो
साज श्रृंगार तुम्हारा यूं तो कितना पावन लगता हैं
सजती हो तुम सादगी से रूप मनभावन सा लगता हैं
मेरे स्वप्नों में आने वाली तुम वही परी मस्तानी हो