White बड़ी खामोश हैं ये रात भी आज शायद
इसको भी किसी ने बहुत तड़पाया है
गम के बादल भी आज बरसने को बैठे है
शायद आज इनको भी किसी ने रुलाया है
गुमनाम शायर
poet of saharanpur
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
#SAD बड़ी खामोश हैं ये रात भी आज शायद
इसको भी किसी ने बहुत तड़पाया है
गम के बादल भी आज बरसने को बैठे है
शायद आज इनको भी किसी ने रुलाया है
गुमनाम शायर
poet of saharanpur