#lonely_quotes ये गुमनाम जंगल भी घने पेड़ों से घिरे हैं
बदलो के बीच में चांद तारे भी छिपे हैं
गुम हो गई हैं सारी काईनात भी यहां
देखो यह शहरों में भी केसे किस्से मिले हैं
poet of saharanpur
गुमनाम शायर
#aaina बहुत खूबसूरत लगते है तराने तुम्हारे
सारे बैठे हैं ईश्क के दीवाने तुम्हारे
ज़रा चेहरे को नकाब से ढक कर रखना
बैठे हैं बीमार महफिल आज सारे!
poet of saharanpur
गुमनाम शायर
#SAD बड़ी खामोश हैं ये रात भी आज शायद
इसको भी किसी ने बहुत तड़पाया है
गम के बादल भी आज बरसने को बैठे है
शायद आज इनको भी किसी ने रुलाया है
गुमनाम शायर
poet of saharanpur
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