Poet Kuldeep Singh Ruhela

Poet Kuldeep Singh Ruhela

गुमनाम शायर में सहारनपुर का हूं यारो

  • Latest
  • Popular
  • Video
#शायरी #lonely_quotes  White बहुत खूबसूरत लगते है तराने तुम्हारे 
सारे बैठे हैं ईश्क के दीवाने तुम्हारे 
ज़रा चेहरे को नकाब से ढक कर रखना 
बैठे हैं बीमार महफिल आज सारे

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#lonely_quotes बहुत खूबसूरत लगते है तराने तुम्हारे सारे बैठे हैं ईश्क के दीवाने तुम्हारे ज़रा चेहरे को नकाब से ढक कर रखना बैठे हैं बीमार महफिल आज सारे

99 View

#शायरी #lonely_quotes  White ये गुमनाम जंगल भी घने पेड़ों से घिरे हैं 
बदलो के बीच में चांद तारे भी छिपे  हैं
गुम हो गई हैं सारी काईनात भी यहां 
देखो यह शहरों में भी केसे किस्से मिले हैं

poet of saharanpur
गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#lonely_quotes ये गुमनाम जंगल भी घने पेड़ों से घिरे हैं बदलो के बीच में चांद तारे भी छिपे हैं गुम हो गई हैं सारी काईनात भी यहां देखो यह शहरों में भी केसे किस्से मिले हैं poet of saharanpur गुमनाम शायर

153 View

#शायरी #aaina  बहुत खूबसूरत लगते है तराने तुम्हारे 
सारे बैठे हैं ईश्क के दीवाने तुम्हारे 
ज़रा चेहरे को नकाब से ढक कर रखना 
बैठे हैं बीमार महफिल आज सारे!

poet of saharanpur 
गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#aaina बहुत खूबसूरत लगते है तराने तुम्हारे सारे बैठे हैं ईश्क के दीवाने तुम्हारे ज़रा चेहरे को नकाब से ढक कर रखना बैठे हैं बीमार महफिल आज सारे! poet of saharanpur गुमनाम शायर

117 View

#शायरी #love_shayari  White कोई नही किसी का यारो 
सब मतलब की दुनिया है 
खाली झोला लाय थे जग में 
बस बे मतलब का भरना है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#love_shayari कोई नही किसी का यारो सब मतलब की दुनिया है खाली झोला लाय थे जग में बस बे मतलब का भरना है

117 View

#शायरी #nightthoughts  White इस जलती हुई आग में
 हमको भी स्वाह हो जाना है 
कोई गरीब हो या अमीर सबको
 ही राख हो जाना है

गुमनाम शायर 
poet of saharanpur

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#nightthoughts इस जलती हुई आग में हमको भी स्वाह हो जाना है कोई गरीब हो या अमीर सबको ही राख हो जाना है गुमनाम शायर poet of saharanpur

99 View

#शायरी #SAD  White बड़ी खामोश हैं ये रात भी आज शायद 
इसको भी किसी ने बहुत तड़पाया है 
गम के बादल भी आज बरसने को बैठे है 
शायद आज इनको भी किसी ने रुलाया है


गुमनाम शायर
poet of saharanpur

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#SAD बड़ी खामोश हैं ये रात भी आज शायद इसको भी किसी ने बहुत तड़पाया है गम के बादल भी आज बरसने को बैठे है शायद आज इनको भी किसी ने रुलाया है गुमनाम शायर poet of saharanpur

126 View

Trending Topic