प्याले प्याले के मोहताज़ हुए जा रहे , हम तो
मधुशाला में आंसुओं के जाम पिए जा रहे, हम तो।
काफी नशा कर रखा है इस दिल ने,
सो प्याले में इसी को निचोड़े जा रहे , हम तो।
ज़िंदगी सवाल करने की नुमाईश में लगती है,
फटी जेब में पर्चे तैयार कर रखे, हम तो।
ये कैसी परीक्षा देते जा रहे हैं,
अरे! हर ही बार अव्वल आते जा रहे, हम तो।
उठा कर हमे वो फिर गिरा जाते है,
सो अब घुटनों पर चलने लगे, हम तो।
©सम्राठ
#MoonShayari