सूरज सा तेज नहीं मुझमें, मैं क्यारी की खुशहाली हूं | हिंदी कविता

"सूरज सा तेज नहीं मुझमें, मैं क्यारी की खुशहाली हूं चांदनी बिखेरती जहां प्रभा उस चंदन वन की लाली हूं --नेहा सोनी 'सनेह'✨🦋"

 सूरज सा तेज नहीं मुझमें,
मैं क्यारी की खुशहाली हूं
चांदनी बिखेरती जहां प्रभा
उस चंदन वन की लाली हूं

--नेहा सोनी 'सनेह'✨🦋

सूरज सा तेज नहीं मुझमें, मैं क्यारी की खुशहाली हूं चांदनी बिखेरती जहां प्रभा उस चंदन वन की लाली हूं --नेहा सोनी 'सनेह'✨🦋

#MoonHiding चंदन वन की लाली

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