तू मेरी चाहत नहीं ..
तू मेरी मजबूरी है
..खाली हाथ हैं मेरे
बस इसलिए तू जरुरी है ..
न जाने कब सोच बदलेगी जमाने की ..
हमें तो आदत हो गई अब इस फसाने की ...
कोई बदले न बदले .
.चलो ,थोड़ी कोशिश जरा करलें..
तुम अपने आँगन में
बेटी की खुशबू महकाओ
..हम भी अपने आँगन में
रंग उसके जरा भर लें...
#बेटी