White नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात;
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात
आँखों का पानी मरा, मरी शर्म औ लाज;
कहे बहू अब सास से, अब घर में मेरा राज;
भाई भी करता है नहीं, भाई पर विश्वास;
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास;
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश;
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश;
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान;
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान;
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग;
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग;
फैला है पाखंड का, अंधेरा चारो ओर;
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर;
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप;
भंडारे यहां करते फिरें, घर में भूखा बाप
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©VIMALESHYADAV
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