उनकी जरूरतो के बनिस्बत एक अरसे से मैं लिपटा हूं पै | हिंदी Shayari Vid

"उनकी जरूरतो के बनिस्बत एक अरसे से मैं लिपटा हूं पैबंद लगे कपड़ों में उन्हें शिकायत है कि मुझे आज तलक लिबास का शउर नहीं ©Aurangzeb Khan "

उनकी जरूरतो के बनिस्बत एक अरसे से मैं लिपटा हूं पैबंद लगे कपड़ों में उन्हें शिकायत है कि मुझे आज तलक लिबास का शउर नहीं ©Aurangzeb Khan

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