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White जिस राह पे चल रहा हूं मैं किसी दहकते शोले से कम नहीं जिन पत्थरों से राह बना करते हैं वही पत्थर कभी राह के रोड़े बन जाते हैं तय कर लिया है हमने कि मंजिल मुझे पाना है मुश्किलें कितनी भी राह मे आएगी तो क्या हौसले हमारे भी कम नहीं ©Aurangzeb Khan
Aurangzeb Khan
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White चले गए हैं वह हमें गमजदा छोड़ कर सितारों के शहर में चाह कर भी दिन के उजाले में उनसे मुलाकात नहीं होती हम तो ख्वाहिश ऐ दीदार में यूं ही तड़पते रहते अगर ये मुलाकात की उम्मीदो भरी रात नहीं होती ©Aurangzeb Khan
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टूटने वाले से पूछते हो कि बिखरना होता क्या है ऐसा लगता है कि मजरूब के हालात से आप वाकिफ ही नहीं ©Aurangzeb Khan
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