White शीर्षक - कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर ज | हिंदी कविता

"White शीर्षक - कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले ------------------------------------------------------------------------- कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले। समझा नहीं क्यों दर्द दिल का, दूर हमसे जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू -----------------------------।। अब तक रहा नहीं तू , कभी बिन हमारे। लगा रहा सीने से, हरपल हमारे।। क्यों छोड़ दी तूने आज मेरी बाँहें। छोड़कर मेरा साथ, ओ जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू ---------------------------।। भूल गया कैसे तू , मिलन की कहानी। टहलना चमन में, अपने लबों की रवानी।। की थी वफ़ा तूने, सँग जीने की। तोड़कर मेरा दिल, ओ जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू ---------------------------।। मंझदार में मुझको, तुमने छोड़ दिया। मेरी खुशी, मेरा चैन, तुमने लूट लिया।। बहक गया कैसे, तू राह में। पकड़ और का हाथ, ओ जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू -------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma"

 White शीर्षक - कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
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कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले।
समझा नहीं क्यों दर्द दिल का, दूर हमसे जाने वाले।।
कैसे हो गया बेखबर तू -----------------------------।।

अब तक रहा नहीं तू , कभी बिन हमारे।
लगा रहा सीने से, हरपल हमारे।।
क्यों छोड़ दी तूने आज मेरी बाँहें।
छोड़कर मेरा साथ, ओ जाने वाले।।
कैसे हो गया बेखबर तू ---------------------------।।

भूल गया कैसे तू , मिलन की कहानी।
टहलना चमन में, अपने लबों की रवानी।।
की थी वफ़ा तूने, सँग जीने की।
तोड़कर मेरा दिल, ओ जाने वाले।।
कैसे हो गया बेखबर तू ---------------------------।।

मंझदार में मुझको, तुमने छोड़ दिया।
मेरी खुशी, मेरा चैन, तुमने लूट लिया।।
बहक गया कैसे, तू राह में।
पकड़ और का हाथ, ओ जाने वाले।।
कैसे हो गया बेखबर तू -------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक - कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले ------------------------------------------------------------------------- कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले। समझा नहीं क्यों दर्द दिल का, दूर हमसे जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू -----------------------------।। अब तक रहा नहीं तू , कभी बिन हमारे। लगा रहा सीने से, हरपल हमारे।। क्यों छोड़ दी तूने आज मेरी बाँहें। छोड़कर मेरा साथ, ओ जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू ---------------------------।। भूल गया कैसे तू , मिलन की कहानी। टहलना चमन में, अपने लबों की रवानी।। की थी वफ़ा तूने, सँग जीने की। तोड़कर मेरा दिल, ओ जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू ---------------------------।। मंझदार में मुझको, तुमने छोड़ दिया। मेरी खुशी, मेरा चैन, तुमने लूट लिया।। बहक गया कैसे, तू राह में। पकड़ और का हाथ, ओ जाने वाले।। कैसे हो गया बेखबर तू -------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

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