White एक अरसे से रुसवा, किस्मत जगा सकू।
तेरे इंतजार में थकी, ये आंखे सुला सकू।
और दूं हवा उन ख्वाबों को भी,
जो सिर्फ तेरे हैं।
काश मैं बातो की कला को, हकीकत बना सकू।
शहर का हर कोना,
तेरा हाथ पकड़ कर घूमता मैं।
तेरे जैसी नही मुझे तू चाहिए थी,
किसी और को क्यूं ढूंढता मैं।
जे मुकम्मल हो इज्जत तेरी,
जो तुझे आवाज लगा सकू।
हर रोज थी सोचता हूं,
ऐसा क्या लिख दू, जो तुझे वापस ला सकू
©ss writer 01
#nightthoughts